दोस्तों मैं आज एक ऐसी कहानी के बारे में बताने वाला हूँ जो पानी और प्यासा व्यक्ति से सम्बंधित है जो आपके जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित जो सकती है यदि आप इस कहानी को ध्यान से पढियेगा तो आपको कुछ न कुछ जरुर इससे प्रेरणा मिलेगी इसलिए आइये दोस्तों हम इस प्यासे व्यक्ति की कहानी को विस्तार में जानते है|
प्यासे व्यक्ति की कहानी (The story of thirsty perosn)
प्यासे व्यक्ति की कहानी – एक समय की बात हैं| एक आदमी घूमने के लिए एक दिन जंगल में गया| वहा वह बहुत अच्छे अच्छे पेड़ देख रहा था | उसे पेड़ बहुत अच्छे लगते थे और पेड़ देखना अच्छा लगता था | वह सुबह जल्दी उठकर जंगल में चला गया और अच्छे अच्छे पेड़ देखते देखते वह जंगल बहुत अंदर चला गया उसे पता वि नहीं चला और वह आगे आते ही जा रहा था | और अब उसे सुबह से घूमते घूमते दोपहर हो गयी थी और इस समय बहुत तेज धुप भी बढ़ रही थी | अब उसने सोचा की मुझे वापस घर जाना चाहिए और वह घर चलने के लिए बाहर निकलने का रास्ता ढूढ़ता हैं | लेकिन वह पेड़ देखते देखते इतनी आगे आ जाता हैं की वह बाहर निकने का रास्ता भूल जाता हैं |अब वह बहुत परेशान और बहुत दुखी हो जाता हैं|
रास्ते की खोज
उसे कुछ भी समझ नहीं आता हैं की अब मैं क्या करू, अब वह चारो तरफ तेजी से दौड़ दौड़ कर रास्ता ढूढ़ने की कोशिश करता हैं | वह बहुत कड़ी धुप में इधर से उधर घूमता रहता हैं लेकिन उसे बाहर जाने का रास्ता नहीं मिल पता हैं| वह बहुत दुखी और निराश हो जाता हैं इतनी कड़ी घुप में उसे प्यास भी लगने लगती हैं चारो तरफ दौड़ दौड़ कर वह पसीनो से भीग जाता हैं |और अब वह प्यास के मारे बहुत तड़प रहा हैं जंगल से बाहर निकलने के वह चलते चलते बहुत आगे आ जाते हैं और वह गलत दिशा से बाहर आ जाता हैं|
पानी की तलाश में मिली निराशा
और अब वह पानी के लिए बहुत तड़प रहा हैं लेकिन यह दूर दूर तक पानी नहीं नजर आ रहा और वह पानी की तलाश में भटकते भटकते बहुत ज्यादा थक जाता हैं और अब उसकी हालत ऐसी हैं की अगर उसे पानी नहीं मिला तो वह मर जायेगा, अब उसे जंगल के बाहर एक छोटी सी पहाड़ी के पास एक झोपडी दिखाई पड़ी तथा उसके दिल में एक उम्मीद की किरण जगी, और वह मेहनत करके उस पहाड़ी पे चढ़ा और झोपडी के पास गया फिर उसने आवाज लगाई। कोई है , कोई हैं लेकिन कोई नही बोला फिर वह झोपडी में अंदर घुसा तो उसमे कोई नहीं था उसने बेसब्री से झोपडी के अंदर पानी खोजा चारो तरफ देखा लेकिन कुछ नहीं मिला उसकी हालत मरने के सामान हो गयी थी और अब चलने में भी असमर्थ था
धैर्य का महत्व
लेकिन फिर वह झोपडी से निकलकर आगे बढ़ा और थक हर कर एक बड़े पत्थर के ऊपर बैठ गया जैसे ही वह बैठा तो उसने देखा कि झोपडी के पीछे एक नल है। नल को देखकर उसमे जान सी आयी और वह नल के पास गया उसने नल को चलाना शुरू किया वह मन ही मन बहुत खुश हुआ और सोचने लगा की अब नल से पानी निकालकर पी लूंगा जिससे उसकी प्यास बुझ जाएगी। वह नल चलता हैं लेकिन पानी नहीं आता हैं वह फिर से चलाता हैं |
लेकिन फिर भी पानी नही आता हैं अब वह नल को जोर जोर से चलता हैं लकिन फिर भी उससे पानी नहीं निकलता हैं और काफी देर तक पानी की उम्मीद में नल को चलाता रहता हैं कि पानी आयेगा लेकिन पानी नहीं आता हैं और अब वह पूरी तरह से थक कर गिर जाता हैं जैसे ही वह नीचे गिरता हैं तो उसकी नजर झोपडी की छत पे जाती हैं वहा उसे एक बोतल जैसी कुछ चीज दिखाई पड़ती हैं और जैसे ही वह खड़ा होकर उसे देखता हैं तो वहा एक बोतल होती हैं जो पानी से भरी होती हैं अब वह खुश होता हैं और जल्दी से पानी पीने के लिए बोतल खोलता हैं।
जैसे ही वह बोतल खोलना शुरू करता हैं वह देखता हैं की बोतल पे कुछ लिखा होता हैं और वह उसे पढता हैं। बोतल पे लिखा होता हैं कि “इस पानी को नल में डालो और नल को चलाओ नल से पानी निकलेगा पानी पीकर बोतल को पानी से भरकर फिर से वही रख देना।” अब वह सोच में पड़ जाता हैं कि वह क्या करे। क्योकि नल तो ख़राब हैं और ये पानी उसके लिए जीवन अमृत हैं।
दोस्तों इस प्यासे व्यक्ति की कहानी को पूरा करने से पहले मैं आपसे पूछता हूँ कि अब वह क्या करेगा। मेरा मतलब है कि पानी को पियेगा या फिर उस बोतल पे लिखी बात पर विश्वास करके उसे नल में डालेगा। बताइये वह क्या करेगा पानी पीकर अपनी जान बचायेगा या बोतल पे लिखी बात पे विश्वास करके खराब नल में डालेगा?? और…..और अगर आप उसकी जगह होते तो आप क्या करते ????
अब आगे जानते हैं क्या हुआ ? जैसे ही उसने पानी पिने के लिए बोतल को खोलना शुरू किया तो उसने देखा कि बोतल पे लिखा था कि “इस पानी को नल में डालो और नल को चलाओ नल से पानी निकलेगा पानी पीकर बोतल को पानी से भरकर फिर से वही रख देना।” अब उसने निर्णय लिया कि वह उस पानी को नल में डालेगा। जी हा दोस्तों उसने पानी को नल में डालने का निर्णय लिया। और उसने पानी को नल में डाला और नल को चलाना शुरू किया लेकिन उसने नल को चलाया तो पानी नहीं आया और वह डर गया उसने फिर से नल को चलाया लेकिन फिर भी पानी नहीं आया। वह नल को चलाता रहा और आखिरकार एक मिनट बाद से पानी निकलने लगा। वह बहुत खुश हुआ जैसे कि उसे जीवन दान मिल गया हो।
उसने अच्छे से हाथ मुँह को धोया और पानी पिया। पानी के बाद उसने बोतल को पानी से भरा। और जहा पे बोतल पे लिखा था कि “इस पानी को नल में डालो और नल को चलाओ नल से पानी निकलेगा पानी पीकर बोतल को पानी से भरकर फिर से वही रख देना।” उसके नीचे उसने एक वाक्य/लाइन और लिखी कि “इसपे विश्वास करो ये काम करता हैं। “ और फिर बोतल को वापिस उसी स्थान पे रख दिया और वह से अपने घर लौट गया।
दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी और आपको इससे क्या शिक्षा मिली ? आपने क्या सीखा ? comment में जरूर बताइयेगा। और अपने मित्रो , भाईयो , बच्चो और रिश्तेदारों के साथ साझा/Share भी जरूर करे।
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